जहाँ-जहाँ पे मैं हूँ, वहाँ-वहाँ पे तू है बेचैन करवटों में मेरा सहारा तू है तू है अगर नदी तो मैं नाव हूँ कोई तू है अगर ज़मीं तो मैं गाँव हूँ कोई तू जाए जहाँ, लेजा मुझे भी वहीं कल का क्या पता, कह दे जो कहना अभी तू जाए जहाँ, लेजा मुझे भी वहीं कल का क्या पता, कह दे जो कहना अभी ♪ है गर्मियों की शाम तू (शाम तू) इश्क़ का हर नाम तू (नाम तू) तीखी, रूखी सी रात में (रात में) है ख़्वाबों सा इनाम तू (इनाम तू) हो, तू ही हक़ीक़त, तू ही है क़िस्मत चाहत, ज़रूरत, इबादत भी तू ही, तू ही क़ुदरत भी तू ही, बरकत भी तू ही आदत, इनायत, मोहब्बत भी तू ही तू जाए जहाँ, लेजा मुझे भी वहीं कल का क्या पता, कह दे जो कहना अभी तू जाए जहाँ, लेजा मुझे भी वहीं कल का क्या पता, कह दे जो कहना अभी