Kishore Kumar Hits

Osho Jain - Likhta Hun lyrics

Artist: Osho Jain

album: Saar


मैं सोचता हूँ रात-भर
लिखता हूँ फिर आँख भर
किसी के आने पे कभी
किसी के जाने पे कभी
कभी किसी पहाड़ पे
शहर के शोर में कभी
मैं सोचता हूँ रात-भर
लिखता हूँ फिर आँख भर
ज़िंदगी की धूप-छाँव पर
कभी गहरे किसी घाव पर
लोगों पर, समाज पर
मेरे प्यारे से उस गाँव पर
मैं सोचता हूँ रात-भर
लिखता हूँ फिर आँख भर
कभी किसी की याद में
कभी किसी के साथ में
कभी किसी किताब पे
कभी किसी के हाथ पे
मैं सोचता हूँ रात-भर
लिखता हूँ फिर आँख भर
लिखता हूँ फिर आँख भर

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