सर्दियों की रातों में रज़ाई सा (ये घर) क़ैद में भी जैसे रिहाई सा (ये घर) तीखे, खारे दिन पर मिठाई सा पैसों से भी ऊँची कमाई सा (ये घर) कुछ लोगों से मिलके लगता है घर लौट आए थाम लो उन लोगों को, कोई छूट ना जाए हर घर दीवाली देखो, हर घर दीवाली आई है तूने, मैंने, हम सब ने दुनिया फिर से सजाई है ♪ इस दीवाली दो दीये हम और लगाऐंगे रोशनी का तोहफ़ा सब को दे जाऐंगे खिल उठेगा हर घर, हर चेहरा, हर आंगन हर मुहल्ले की रौनक फिर से ले आऐंगे कुछ लोगों से मिलके लगता है घर लौट आए थाम लो उन लोगों को, कोई छूट ना जाए हर घर दीवाली देखो, हर घर दीवाली आई है तूने, मैंने, हम सब ने दुनिया फिर से सजाई है हर घर दीवाली देखो, हर घर दीवाली आई है तूने, मैंने, हम सब ने दुनिया फिर से सजाई है