इस ज़मीं के दो रास्ते, और एक दास्ताँ तू है उड़ान-ए-महोब्बत, हैराँ मैं खड़ा इस फ़लक में १०० आसमाँ, तू उड़ जा ज़रा ओ-रे, बंदे, ढूँढ किनारा, तेरी मंज़िल वहाँ रूखे-सूखे नैना तेरी कैसे रे परिंदा? कितनी ऊँची है उड़ान तेरी? जब तक उड़ने का आए रे भरोसा गई जान तेरी ♪ भूले सवालों ने पाया है बहाना राहों ने तेरी तुझको पुकारा राँझे की राहें, सूनी निगाहें नैनों को नैनों का है सहारा रूखे-सूखे नैना तेरी कैसे रे परिंदा? कितनी ऊँची है उड़ान तेरी? जब तक उड़ने का आए रे भरोसा गई जान तेरी ♪ तेरा फ़ितूर, तेरा क़ुसूर, पर है यही तेरा वजूद कैसे करूँ तुझको बयाँ? जो है तेरा हाल यहाँ ख़्वाब तेरे अब ना ख़फ़ा, हार तेरी ना हो हर दफ़ा ले उड़ चले सारा जहाँ, पंख तेरे आज़ाद यहाँ ♪ रूखे-सूखे नैना तेरी कैसे रे परिंदा? कितनी ऊँची है उड़ान तेरी? जब तक उड़ने का आए रे भरोसा गई जान मेरी परिंदा, परिंदा परिंदा (परिंदा) परिंदा, परिंदा परिंदा ♪ जब तक उड़ने का आए रे भरोसा गई जान मेरी