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Ghazal Sadat - Muhaal lyrics

Artist: Ghazal Sadat

album: Muhaal


تو با منی، تو با منی، تو با منی
چو روح من، چو قلب من، تو در تنی
ای دور، ای محال
ای دور، ای محال
در عالم خیال تو با منی
تو با منی، تو با منی
कब से जागी हूँ, कब से प्यासी हूँ
तेरे बिन मैं तो कब से उलझी हूँ
जीना मुश्किल है, समझे ना इतना तू
कब से जागी हूँ, कब से प्यासी हूँ
तेरे बिन मैं तो कब से उलझी हूँ
जीना मुश्किल है, समझे ना इतना तू

شبانگاهان که به یاد تو من آهنگ می سازم
نهفته راز عشق تو میان پرده سازم
ای دور، ای محال
ای دور، ای محال
در عالم خیال تو با منی
تو با منی، تو با منی
कब से जागी हूँ, कब से प्यासी हूँ
तेरे बिन मैं तो कब से उलझी हूँ
जीना मुश्किल है, समझे ना इतना तू
कब से जागी हूँ, कब से प्यासी हूँ
तेरे बिन मैं तो कब से उलझी हूँ
जीना मुश्किल है, समझे ना इतना तू

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