मेरी मोहब्बत में कमी जो नज़र आए साफ़-साफ़ कह देना, क़सम है तुझे तेरी निगाहों में जो आँसू कभी आएँ वहीं जान दे दूँगा, क़सम है मुझे मुझ सा दोबारा कोई आशिक़ ना आएगा बात ये समझ में क्यूँ ना आए तुझे? एक दिन ज़माना मेरे क़िस्से सुनाएगा अलग था दीवाना, जिसने चाहा तुझे तेरी गलियों से... तेरी गलियों से उठेगा जनाज़ा जब मेरा लोग सारे उठ-उठ के सलाम करेंगे तेरी गलियों से उठेगा जनाज़ा जब मेरा लोग सारे उठ-उठ के सलाम करेंगे तन्हाइयों में मेरा नाम गुनगुना लेना ख़्वाबों में आ जाऊँगा मिलने तुझे तेरी गलियों से... तेरी गलियों से उठेगा जनाज़ा जब मेरा लोग सारे उठ-उठ के सलाम करेंगे तेरी गलियों से उठेगा जनाज़ा जब मेरा लोग सारे उठ-उठ के सलाम करेंगे ♪ जिस्म जलेगा, राख बचेगी रूह मगर ये तेरे पास रहेगी दिन भी ढलेगा, रुत बदलेगी लेकिन मोहब्बत मेरी मिट ना सकेगी फिर से तुम्हारी ख़ातिर दुनिया में आएँगे ग़ैर का ना होने देंगे, यारा, तुझे तेरी गलियों से... तेरी गलियों से उठेगा जनाज़ा जब मेरा लोग सारे उठ-उठ के सलाम करेंगे तेरी गलियों से उठेगा जनाज़ा जब मेरा लोग सारे उठ-उठ के सलाम करेंगे ♪ यादों में मेरी ना आँसू बहाना, मर के भी मुझको है इश्क़ निभाना मैं ख़ुशबू सा बन के, हवाओं लिपट के छुऊँगा तुझे दुनिया से दूर चला हूँ, मगर मेरी रूह तुम्हारे ही पास रहेगी पूरी तरह से बिछड़ नहीं पाऊँगा, यारा मेरे फिर से जनम ले कर मैं तेरे पास आऊँगा हाथ दिल पे रख के अपने बुलाना मुझे तेरी गलियों से... तेरी गलियों से उठेगा जनाज़ा जब मेरा लोग सारे उठ-उठ के सलाम करेंगे तेरी गलियों से उठेगा जनाज़ा जब मेरा लोग सारे उठ-उठ के सलाम करेंगे