एक रात ये भी सही, एक रात वो भी चंद घड़ियाँ गुज़री कहाँ? कि ये चाँद गुज़र गया यहाँ से वहाँ एक रूठी सी ख़ामोशी पड़ी है यहीं एक रूठी सी ख़ामोशी, एक रूठी सी ख़ामोशी एक रूठी सी ख़ामोशी, एक रूठी सी ख़ामोशी ♪ ज़िंदगी तेरी बातें मुझे आती नहीं शायद तेरा हर कुछ वक़्त की दास्ताँ वक्त भी गुमसुम सा चला उस गली में कहीं जहाँ रूठी सी ख़ामोशी पड़ी है अभी हाँ-हाँ, एक रूठी सी ख़ामोशी, एक रूठी सी ख़ामोशी एक रूठी सी ख़ामोशी, एक रूठी सी ख़ामोशी ♪ रात की बात है, राज़ की बात है ये वक़्त के पाँव तले एक मुलाक़ात भी है रात की बात है, राज़ की बात भी है वक़्त के पाँव तले एक मुलाक़ात भी है ये मुलाक़ात भी आख़िर एक जुदाई सी है ये मुलाक़ात भी आख़िर एक जुदाई सी है एक रूठी सी ख़ामोशी पड़ी है यहीं एक रूठी सी ख़ामोशी, एक रूठी सी ख़ामोशी एक रूठी सी ख़ामोशी, एक रूठी सी ख़ामोशी ♪ नि नि नि सा सा सा, रे रे रे सा सा सा नि सा रे गा, मा गा, रे पा धा पा मा गा, रे गा रे पा मा नि, पा मा गा (रूठी सी ख़ामोशी) नि नि नि सा सा सा, रे रे रे सा सा सा नि सा रे गा, मा गा (एक रूठी सी ख़ामोशी) रे पा मा गा