आँखों में एक बच्चा रहता था आईने में मिला था क्या कभी रूठे तू, ना जाने कहाँ से आँखों में तेरी वो मिलने आता था ♪ पहले जैसा अब तो कुछ नहीं सीलन ये लगे है रिश्ते में वो भी शायद अपने घर चला आँखों में अभी कोई रूठता नहीं एक बार फिर ढूँढें, आ, इस रिश्ते में वो जो खो गया कहीं एक बार फिर ढूँढें, आ, इस रिश्ते में वो जो खो गया कहीं ♪ बिख़री चादरों में ढूँढा है तकिये और उसके नीचे भी और खिड़की पे टँगा है जो पैधा ढूँढा है, मगर, ये मिलता ही नहीं दीवारें रंगों के तले या मेज़ पर पड़े शहर में ना जाने ये रिश्ता आख़िर क्या तू ले गया या मैंने खो दिया एक बार फिर ढूँढें, आ, इस रिश्ते में वो जो खो गया कहीं एक बार फिर ढूँढें, आ, रिश्ते में वो जो खो गया कहीं वो जो खो गया कहीं ♪ एक बार फिर ढूँढें, आ, इस रिश्ते में, रिश्ते में ♪ ...रिश्ते में, हाँ ♪ वो जो खो गया कहीं वो जो खो गया कहीं