मैं यहाँ रुका हूँ मगर तू नहीं है आस-पास मैं कहीं गुम सा लापता हो गया हूँ मैं यहाँ कहीं दूर ले चलो मुझे अपने बाँहों में कहीं मैं चलूँ, तेरे ही तो लिए दिल खाली है क़दम बढ़ाए साथ तेरे तुम तो हो, बस हो मेरे ♪ तेरी कभी दिल से निकलती नहीं तेरी आशिक़ी तू कहीं रुकी है फ़ँसी है इन बातों में कहीं कहीं दूर ले चलो मुझे अपने बातों में कहीं मैं चलूँ, तेरे ही तो लिए बाँहें खाली हैं क़दम बढ़ाए साथ तेरे तुम तो हो, बस हो मेरे ♪ कोशिशें हैं मेरी जारी अभी इन लफ़्ज़ों में बयाँ कर दूँ सारी उमर गुज़र जाएगी बाँहों में सबर कर लूँ कहीं दूर ले चलो मुझे अपने बाँहों में कहीं मैं चलूँ, तेरे ही तो लिए दिल खाली है क़दम बढ़ाए साथ तेरे तुम तो हो, बस हो मेरे