खोया सा था मैं था मैं अकेला ढूंढ़ता उसे जो छुपा एक है हीरा कैसा नसीब है मिली थी पर में इधर और वह वहां जब वह हस्सी थी दुनिया रुक जाये पर उसी के पीछे वोह आँसू छुपाये कैसे बताऊँ तेरी हर बूंद में मैं बैह गया कहाँ ऐसा क्या मेरे दिल में हुआ की तू जो बैठी है मेरे बिना ऐसे मैं गाऊं तुझे भूल ना पाऊं तुन्हे जगा दिया इस दिल की आवाज़ ♪ सपनो की दुनिया में रहता रहा अंदर से थोड़ा मरता गया कैसे जगाऊँ वहां मैं हमेशा तेरा हम दोनों अंदर से टूटे है पर साथ शायद जुड़ जातें है कैसे मैं जानूं तुन्हे कुछ नहीं कहा ऐसा क्या तेरे दिल में हुआ की तू हमेशा अपने से खफा कैसे दिखाओं मेरी नज़रों में तू है नायाब ♪ ऐसा क्या दोह लफ़्ज़ों का प्यार की होने से पहले दिल टूट ही गया में खो ही जाऊं तुझे इतना चाहूँ वक़्त गुज़र गया में हमेशा तेरा ♪ ऐसा था की तू है नायाब तेरे लिए बस हूँ में फ़िदा कैसे जियूं मैं तेरे बिन मैं तड़पता रहा अब तू ही बता क्या मैं तेरे दिल में रहा