धानी सी, धानी सी, शरबती पानी सी धीरे-धीरे से तेरी चाहत चढ़ती है थोड़ी नादानी सी, थोड़ी शैतानी सी धीमे-धीमे से तेरी आदत बढ़ती है तू है तो मेरे रू-ब-रू, पर क्या करूँ? यक़ीं ही नहीं आता शाम से सुबह करूँ, देखा करूँ रहा भी नहीं जाता अफ़ीमी, अफ़ीमी, अफ़ीमी है ये प्यार अफ़ीमी है तेरा-मेरा प्यार हो, अफ़ीमी, अफ़ीमी, अफ़ीमी है ये प्यार अफ़ीमी है तेरा-मेरा प्यार ख़ुमारी, ख़ुमारी, ना आए रे क़रार अफ़ीमी है तेरा-मेरा प्यार थोड़ी पिघलती हूँ, थोड़ी फिसलती हूँ ग़श खा के तेरी ही बाँहों में गिरती हूँ थोड़ी सरकती है, थोड़ी खिसकती है नीयत बिगड़ के ये तुझसे ही सँभले तेरे-मेरे फ़ासले बस आज से साँसों ही साँसों में गुमने लगे तेरे-मेरे रास्ते बस आज से हो, आँखों ही आँखों में मिलने लगे अफ़ीमी, अफ़ीमी, अफ़ीमी है ये प्यार अफ़ीमी है तेरा-मेरा प्यार अफ़ीमी, अफ़ीमी, अफ़ीमी है ये प्यार अफ़ीमी है तेरा-मेरा प्यार ख़ुमारी, ख़ुमारी, ना आए रे क़रार अफ़ीमी है तेरा-मेरा प्यार