तुझ को मैं रख लूँ वहाँ जहाँ पे कहीं है मेरा यक़ीं मैं जो तेरा ना हुआ किसी का नहीं, किसी का नहीं ले जाएँ जाने कहाँ हवाएँ, हवाएँ ले जाएँ तुझे कहाँ हवाएँ, हवाएँ? बेगानी हैं ये बाग़ी हवाएँ, हवाएँ ले जाएँ मुझे कहाँ हवाएँ, हवाएँ? ले जाएँ जाने कहाँ ना मुझ को ख़बर, ना तुझ को पता ♪ बनाती है जो तू वो यादें जाने संग मेरे कब तक चलें इन्हीं में तो मेरी सुबह भी ढले, शामें ढलें, मौसम ढलें ख़यालों का शहर तू जाने तेरे होने से ही आबाद है हवाएँ हक़ में वही हैं आते-जाते जो तेरा नाम लें देती हैं जो सदाएँ हवाएँ, हवाएँ ना जाने क्या बताएँ हवाएँ, हवाएँ ले जाएँ तुझे कहाँ हवाएँ, हवाएँ? ले जाएँ मुझे कहाँ हवाएँ, हवाएँ? ले जाएँ जाने कहाँ ना मुझ को ख़बर, ना तुझ को पता